बैकुंठपुर कोठी गांव में पांच माह पहले मुन्नी और योद्धा के शौचालय बनाने के बाद खोदा गया

पडरौना (कुशीनगर)। स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे भी जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते मौत का कुआं साबित हो रहे हैं। कुशीनगर जिले में भी पिछले वर्ष दो जुलाई को एक बालक की मौत ऐसे ही गड्ढे में डूबने से हो गई थी। उस मामले में एफआईआर तक दर्ज हुआ, लेकिन गड्ढों को ढकने को लेकर विभागीय या पंचायत प्रतिनिधियों का रवैया नहीं बदला।
विशुनपुरा ब्लॉक के मिठहा माफी गांव में पिछले वर्ष जून में शौचालय निर्माण के लिए गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए थे। बारिश होते ही गड्ढों में पानी भर गया। एक गड्ढे में अवधेश गुप्ता के आठ वर्षीय पुत्र ओमकार की डूबने से मौत हो गई थी। इस मामले में अवधेश की तहरीर पर केस दर्ज नहीं हुआ, लेकिन गांव में आज भी कई घरों के ईदगिर्द शौचालय के बने गड्ढों पर ढक्कन नहीं लगे हैं। ग्राम प्रधान रमायन कुशवाहा का कहना है कि गंवई राजनीति के चलते अब भी दो शौचालय अपूर्ण हैं। विवाद के चलते गड्ढों पर ढक्कन नहीं लग पा रहे हैं। लोगों से फिर ढक्कन लगवाने देने का अनुुरोध किया जाएगा।
इसी तरह दुदही विकास खंड के बैकुंठपुर कोठी गांव में पांच माह पहले लीलावती पत्नी खुदी का शौचालय बनवाने के लिए गड्डा खोदा गया था। इस गड्ढे में गिरने से एक बकरी मर गई थी। इसके बाद घरवालों ने स्वत: गड्ढा भर दिया। इसी गांव में मुन्नी पत्नी संतोष के दरवाजे पर छह माह पहले खोदे गए गड्ढे को परिवार के लोगों ने कूड़ा-करकट से भर दिया था। इस गांव में ऊषा पत्नी दीनानाथ का शौचालय तो बन गया, लेकिन गड्ढे पर ढक्कन अब तक नहीं लगा।
लोगों को करना चाहिए सहयोग: बीडीओ
बैकुंठपुर कोठी गांव में खोदकर छोड़े गए गड्ढे के संबंध में बीडीओ दुदही विवेकानंद मिश्रा का कहना है कि जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। लोगों को भी अपनी सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को देखते हुए इस कार्य में सहयोग करना चाहिए।
सख्त कार्रवाई होगी : डीपीआरओ
डीपीआरओ आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि शौचालय निर्माण के लिए बनाए गए गड्ढों पर ढक्कन लगाए बिना निर्माण कार्य पूर्ण नहीं होता है। अगर गड्ढों पर ढक्कन नहीं लगा है तो घोर लापरवाही है। मंगलवार को ही इसकी जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।