गाजी पुर बॉर्डर पुलिस छावनी में तब्दील,

राकेश कुमार श्रीवास्तव(सम्पादक) कुशीनगर                          ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर सरकार अपने असली रूप में आ गई है, चारों तरफ़ से किसानों की घेरा बंदी कर दी गई है, अभी-अभी उत्तरप्रदेश सरकार ने सभी ज़िलों के SP और DM को किसान आंदोलन को हर हाल में ख़त्म करने का सरकारी आदेश जारी कर दिया है. किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया के सामने बोलते बोलते रो पड़े, किसान लगातार कह रहे हैं कि लाल क़िले पर हुई हिंसा में किसानों का हाथ नहीं है बल्कि एक साज़िश रची गई है पूरे किसान आंदोलन को ख़त्म करने के लिए. दूसरी तरफ़ किसान नेताओं पर FIR की जा रही हैं किसान नेताओं को गिरफ़्तार करके जेल में डालने का काम शुरू किया जा चुका है. बाक़ी देश की आम जनता में झूठ फैलाने के लिए आइटी सेल ने अपना पूरा काम कर लिया है, आइटी सेल केवल दो दो रुपए में काम करनी वाले नफ़रती चिंटू नहीं हैं बल्कि ब्लू टिक लिए बैठे वे लोग भी हैं जो दिन रात सरकार की गुड बुक में आने के लिए किसानों को निशाना बना रहे हैं, इनका प्रभाव किसी भी आइटी सेल से अधिक है. मीडिया भी अपना काम कर रहा है. 


ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण समय है, विडंबनापूर्ण भी. 68% किसान आबादी वाले देश पर मीडिया, आइटी सेल और सरकारी गुंडों ने क़ब्ज़ा कर रखा है, किसान अकेला सड़क पर मरने के लिए खड़ा है, आज रात में क्या होना है, कितनों के सर फूटेंगे, कितनों के हाथ टूटेंगे मालूम नहीं. पूरा सरकारी तंत्र जीतता नज़र आ रहा है बड़े बूढ़ों पर लाठियाँ गिरेगा तो कैसे सो पायेगा किसान।