सरकारी कंपनियों में विनिवेश के मोर्चे पर मोदी सरकार तेजी से फैसले ले रही है. बुधवार देर शाम हुई कैबिनेट की बैठक में भारत पेट्रोलियम (BPCL) में विनिवेश पर कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है.
सरकारी कंपनियों में विनिवेश के मोर्चे पर मोदी सरकार तेजी से फैसले ले रही है. बुधवार देर शाम हुई कैबिनेट की बैठक में भारत पेट्रोलियम (BPCL) में विनिवेश पर कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि भारत पेट्रोलियम लिमिटेड का रणनीतिक विनिवेश होगा.
निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान
भारत सरकार की BPCL में 53.29 फीसदी हिस्सेदारी है. विनिवेश की प्रक्रिया शुरू होने के बाद नए हिस्सेदार को मैनेजमेंट में भी हिस्सेदारी मिलेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी पर केंद्र सरकार का स्वामित्व बना रहेगा. लेकिन बीपीसीएल माइंस नुमालीगढ़ रिफाइनरी में भी विनिवेश को जगह दी जाएगी. इसी के साथ ही वित्त मंत्री ने कहा है कि प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच 1.2 लाख मीट्रिक टन प्याज के आयात को कैबिनेट ने मंजूरी दी है.
SCI में भी विनिवेश पर मंजूरी
इसके अलावा शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया (SCI) में भी विनिवेश पर कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. हालांकि इस कंपनी में मैनेजमेंट कंट्रोल सरकार अपने पास रखेगी.
BPCL पर कैबिनेट की मुहर
दरअसल मुनाफे में चल रही भारत पेट्रोलियम का हिस्सा बेचने से सरकार को करीब 60,000 करोड़ रुपये की मोटी रकम मिल सकती है.
दरअसल कैबिनेट की बैठक से पहले वित्त मंत्री ने कहा था कंपनियों का विनिवेश मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा. गौरतलब है कि सरकार ने इस वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है. तो बीपीसीएल की बिक्री से उसे अकेले इस लक्ष्य का करीब 60 फीसदी हिस्सा हासिल हो जाएगा.