मुख्य अतिथि जय कृष्ण शुक्ल के उपस्तिथि में काब्य गोष्ठी का समापन

राकेश कुमार श्रीवास्तव  चामुंडा दर्शन लक्ष्मीगंज कुशीनगर 
                 स्थानीय बाजार स्थित मधुसूदन पाण्डेय के आवास पर सोमवार को मधुर साहित्य सामाजिक काव्य संस्था की 61वी गोष्ठी संपन्न हुई।गोष्ठी के मुख्य अतिथि जय कृष्ण शुक्ल जी रहे। गोष्ठी मे दुर दुर से आये रचनाकारों ने अपनी रचनायें सुनकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। गोष्ठी की शुरुआत जगदीश कुशवाहा द्वारा सरस्वती बंदना वीणा धारी शारदा भवानी हो माई दरस दिखा द से हुई। उसके बाद मधुसूदन पाण्डेय ने पानी बचाई के राख सांवर गोरिया, जाए के परीहे गवनवा सांवर गोरिया...।  उसके बाद बलराम राय देखिए आज कैसी आदत हो रही है, हर बात बात पर सियासत हो रही है.. गोमल यादव ने चढ़े अगहनवा से जाड़ा के दिनवा चौकी खटीया हटाई दी, दावल बाटे धनवा के पुअरा भुइया बिछौना लगाई दी..। अशोक शर्मा बलिदान शेर का न देखा कभी बलि वेदी पर बकरी चढ़ाई गई...। उगम चौधरी बेचेली समधी जी आपन बेटउवा,छपल बा अखबारे में  ऊपर नउवा..सुनाकर खुब वाहवाही बटोरी। जगदीश कुशवाहा अइसन विकास के लहर आ गईल बा, लागत गांव में शहर आ गईल बा..। बालेश्वर चौहान ओट लेके मजदूरन से गरीबी के मजाक उड़ा दीहली, चटनी खाए के लहसुन नईखे आलू के दाम बढ़ा दिहली..। फिरोज अश्क ने वफा इंसानियत सदा हमदर्द समझते हैं, औलाद वाले ही औलाद का दर्द समझते हैं...। जय कृष्ण शुक्ला, पंकज पाण्डेय ने भी अपनी रचनायें सुनाई। अध्यक्षता विनोद पांडे व संचालन फिरोज अश्क ने किया । इस अवसर पर सुभाष चौधरी, रविंद्र , बच्चा पांडे,मुन्ना सिंह आदि मौजूद रहे।